ताज़ा गीत- love Story

25.3.12

मचान

जमीं और आसमां के बीच,
मैंने बाँधा है एक मचान,
बे दरों दीवारों का एक छोटा सा मकान

सुबह भीगे पंखों पर आई है आज,
खुसबू मिटटी की, हवाएं लायी है आज,
महकी महकी सी लगती है,
गर्मी की तपती रातों के बाद आई,
पहली पहली बारिश,
अलसता सूरज,
बादलों का लिहाफ हटाकर,
किरण किरण बिखर रहा है -
आसमां पर,
सात रंगों की छतरी सी,
खुल गयी है,
आज ऐसा क्यों लग रहा है,
जैसे कि मैं बैठा हूँ -

एक बे दरों दीवार मकान में,
जमीं और आसमां के बीचों बीच,
बंधे हुए, मचान में...

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