आँखों से कहते हैं कहने वाले,
सुनने वाले दिल से सुन लेते हैं,
शीशों के घरों में रहने वाले,
पत्थर के दिल बुन लेते हैं,
जो बातें हम करते हैं तन्हाईयों से,
दीवारों दर कैसे सुन लेते हैं,
दर्द सीनों में छुपाने वाले,
अश्क पलकों से चुन लेते हैं,
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर रचना
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