लोगों की भरमार यहाँ, सपनों का व्यापार यहाँ,
ये शहरों के चौराहे, बसता है संसार यहाँ
पैसों की झंकार यहाँ, मुफलिसों का दरबार यहाँ,
ये शहरों के चौराहे, बनती है सरकार यहाँ
थमना चलना हर बार यहाँ, खोना पाना सौ बार यहाँ,
ये शहरों के चौराहे, जीवन का संचार यहाँ
हर और दिशाएँ चार यहाँ, हर चार कदम दुशवार यहाँ,
ये शहरों के चौराहे, गर्द भी गुलज़ार यहाँ
1 टिप्पणी:
बहुत ही मार्मिक
बेहतरीन रचनाएं
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