जीवन नैया खेतों रे,
बहाव को मत देखो रे,
हवा के रुख की न सोचो रे,
नया सफर, नयी डगर,
नयी दिशाएँ खोजो रे...
एक तजुर्बा फूल जैसा,
एक तजुर्बा काँटा,
मेल ये कितना अनोखा,
किसने है ये बाँटा,
जाने न तू, जानूँ न मैं,
सागर क्यों है प्यासा,
हर सवाल है एक अंकुर,
खेत मन का जोती रे...
न जाने उस पार क्या है,
रौशनी या अँधेरा,
हर तमन्ना एक नागिन,
तेरा मन है सपेरा,
जाने न तू, जानूँ न मैं,
कौन किसको नचाये,
आने वाला दिन है सपना,
जीवन को यूँ देखो रे...
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