अंगार तो हैं सबके सीने में,
कोई कलम चलाना जाने,
कोई तलवार उठाना जाने
दिल के गुबार तो निकलेंगें ही,
कोई वार करना जाने,
कोई प्यार करना जाने,
मंजिल वही है, रास्ते जुदा,
कोई धार बनना जाने,
कोई हार बनना जाने,
अवाम बनी गुलाम इस तरह,
कोई गंवार बनाना जाने,
कोई होशियार बनाना जाने
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