होश भी, खुमार भी, तेरे जाने के बाद है,
कुछ भूल चूका हूँ यूँ तो, कुछ फिर भी याद है.
धुंधली सी पड़ चुकी है, तस्वीरे चांदनी पर,
महफूज़ मेरे दिल में, तेरी आवाज़ है,
सब पूछते हैं आखिर, क्यों चुप सी साध ली है,
तेरी बेवफाई दिलबर, अब तक भी राज़ है,
किस बात की कमी है, जो ऐसे खल रही है,
सूनी है क्यों धडकन, महफ़िल है साज़ है
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