ताज़ा गीत- love Story

25.3.12

ठंडक

लफ्ज़ बजते हैं मेरे कानों में,
रूह से उठती है जैसे लय कोई,
मुद्दतों से खिजां का आलम था,
आज बरसा है पानी तपती जमीं पर.
सांसों में लौट आई है, एक जिंदगी सी,
वही खुशबू है ये जानी पहचानी सी,
जिसने मेरे वजूद को छुआ है,
आह ! शुक्र है मिली सदा,
दर्द भी खामोश था, हरारत गुम थी,
उस नज़्म का शुक्रिया,
आज बरसों बाद मिली है ठंडक,
आज बरसों बाद -
आसमां की जानिब देखा है,
और इत्मीनान से पलकें मूँदी है

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