जब मेरा पहला काव्य संकलन मेरे हाथों में आया तो प्रकाशक ने जो कि कोच्ची के थे इसका विमोचन अपने शहर में करने की योजना बनाई. पर चूँकि मेरी ये तमाम कवितायेँ दिल्ली शहर और यहाँ मिले किरदारों की कहानियाँ बयान करती है मेरा मन हुआ कि क्यों न शहर भर में घूमकर एक स्ट्रीट विमोचन किया जाये मेरे आपके जैसे आम इंसानों के हाथों, क्योंकि आखिरकार तम्मन्ना तो यही है न ये आम लोगों द्वारा पढ़ी और सराही जाये. इसी स्ट्रीट लॉन्च के कुछ चित्र
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