ताज़ा गीत- love Story

28.1.15

आदत सी हो गयी है...

हादसों की तो अब जैसे, आदत सी हो गयी है,
रोज कुछ बुरा सुनने की, रवायत सी हो गयी है,

कॉफी टेबलों पर मुद्दों का अकाल है जो अमन है,
कोई सनसनी नहीं जेहन में, आफत सी गयी है,

तंत्र मन्त्र चमत्कारों से, पका रहा था मीडिया,
दो चार बम फटे शहर में, राहत सी हो गयी है,

रटे रटाए शब्द फिर वही आ रहे आलाकमानों से,
कड़े शब्दों में निंदा कर दी, रहमत सी हो गयी है,

हमदर्दी का अभिनय करते, घूमते दिखे चैनल वाले,
ब्रेकिंग न्यूज़ है आज धमाका, बरकत सी गयी है,

कुंठाएँ इतनी कि शराब शबाब सब हुए हैं बेअसर,
रस वीभत्स दिखे हर तरफ, नीयत सी हो गयी है,

आम लोग महफूज़ नहीं, सड़कों घरों बाजारों में भी,
हिफाज़त कैदखानों सरीखी, लज्जत सी हो गयी है, 

उफ्फ ये किस बेदिली के दौर में जी रहा है "सजीव",
दिल फटता नहीं किसी दर्द से, आदत सी हो गयी है,

1 टिप्पणी:

Madabhushi Rangraj Iyengar ने कहा…

अचछी पेशकश है...

अयंगर.