ताज़ा गीत- love Story

2.1.15

नए साल पर -२



किसी अजाने कमरे में आँख खुली हो जैसे
किसी ने खिड़की के परदे खोल दिए हों जैसे
पर मौसम कैसा होगा कहना मुश्किल है अभी
गुनगुनी धूप होगी या सांवली घटा क्या पता
घनी धुंध है अभी बाहर
छंटेगी धीमे धीमे तो बता पाउँगा
क्या क्या छुपा है इन नज़ारों में
मेरी आँखों के लिए....
कभी सोचा है तुमने कि नया साल
हमेशा जाड़ों में ही क्यों आता है ?

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