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11.3.12

एक पल की उम्र लेकर दिल्ली पोयट्री में

२४ जून की शाम मुझे दिल्ली के अमेरिकन सेंटर, में दिल्ली पोयट्री के कार्यक्रम में बतौर फीचर्ड कवि आमंत्रित किया गया. दिल्ली पोयट्री, दिल्ली के सम्मानित कविता समूह में से एक है, जो दिल्ली के सभी स्थानों पर माह में ३० दिन कविता की महफ़िल रोशन करने का एक बड़ा सपना लेकर पिछले ४ सालों से काम कर रही है. इसके संचालक हैं अमिता दहिया "बादशाह" जो खुद भी एक जाने माने कवि हैं.


कार्यक्रम में हिंदी और अंग्रेजी के कई युवा और वरिष्ठ कवियों ने कविता पाठ किया. मेरी कवितायें "दीवारें", "ऐसी कोई कविता", और "विलुप्त होते किसान" बेहद पसंद किये गए. कार्यक्रम का कुशल संचालन खुद अमित जी ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में किया. दिल्ली पोयट्री ने मेरी पुस्तक "एक पल की उम्र लेकर" को बिक्री के लिए भी अपने काउंटर पर जगह दी.

मेरे लिए ये अवसर इसलिए भी खास था क्योंकि मैंने अपना पहला मंचीय कविता पाठ दिल्ली पोयट्री के ही एक कार्यक्रम में किया था करीब चार साल पहले. और आज यहाँ अपनी पुस्तक के साथ उपस्तिथ होना मेरे लिए एक वृत्त का घूमकर वापस अपनी जगह पर आने जैसा है. दिल्ली पोयट्री के चुने हुए १०० कवियों में से भी एक होने का सौभाग्य मुझे मिला था. मैं उम्मीद करूँगा कि दिल्ली पोयट्री अपने शुभ उद्देश्यों में और कामियाब हो.

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