ताज़ा गीत- love Story

12.3.12

आसमां

तू मूक कैसे रह लेता है ऐ आसमां,
कितना कुछ गुजरता है
तेरी आँखों से दिन रैन,
और फिर भी तू रह लेता है कैसे यूँ,
निरबेद, निर्विघ्न,
न नहीं है निर्दयी तू,
मगर एक अदना सा भी आँसू,
नहीं झरते देखा कभी
तेरी आँखों से,
हाँ बरसता सा लगता है कभी,
गरजता भी,
मगर मेघों के तांडव के परे भी,
तू रहता है अविचल ही,
क्या तेरा मन नहीं होता कभी कि,
लिपटूं धरती के आँचल से,
रो लूँ गले लग जी भर,
या सो लूँ रख के दामन पे सर,
दो पल...

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

Great Write up.
Just read 'Aasmaan'.
Each nd every word is with a great Depth.
Read you for the first time.
Very inspiring.
God Bless you.
Salutations