कुछ पल जिन्दगी जैसे, जिंदगी के ही दामन से चुरा लिए मैंने । उन्ही जीवंत पलों को शब्दों मे पिरो कर पेश कर रहा हूँ। ये महफ़िल है मेरे दिल की, यहाँ कुछ गीत मिलेंगे सुर छेड़ते हुए, कुछ गज़लें होंगी हाथों मे जाम लिए, कुछ कवितायेँ भी मिलेंगी गहरी आँखों वाली, कुछ किस्से कुछ किरदार, इनमे से कुछ भी अगर आपके दिल को छू पाये तो खुशकिस्मत समझूंगा अपने आप को ....
ताज़ा गीत- love Story
11.3.12
एक पल की उम्र लेकर - पाठकों के विचार/समीक्षा - मनीष वन्देमातरम
मुझे आपकी कविता बहुत अच्छी लगी,क्योकि वो हैं ही अच्छी।
मुझे जो अच्छा लगा वो है आपकी भाषा-सहजता और वो बिंब जो हमारे आस-पास
हमेशा मौजूद हैं पर हम उन्हे छोड़ 'कुछ और' के चक्कर में आगे बढ़ जाते
हैं।
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