ताज़ा गीत- love Story

12.3.12

अरबों खरबों में एक

वो अरबों खरबों रूपों में बिखरा है हर तरफ,
मैं अरबों खरबों में एक.

कालान्तर से समय की,
अविरल धाराएँ कितनी,
समा गयी उसके ह्रदय विशाल में,
वो अरबों खरबों कतरों में बरसता है मेह बनकर,
मैं अरबों खरबों में एक.

जर्रे जर्रे में चमकती है,
उजालों की ज्योति जैसी,
रोशनी से लाबोलब आँखें उसकी,
वो अरबों खरबों किरणों से छूता है धरा का आँचल,
मैं अरबों खरबों में एक.

कभी शीतल हवा की मानिंद,
कभी तूफानों सा क्रोध लेकर,
माँ का वात्सल्य, पिता की सीख बनकर,
वो अरबों खरबों हाथों से रचता है एक एक बर्तन,
मैं अरबों खरबों में एक.

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