
करीब एक महीने तक उनका कोई जवाब नही आया, मैं भी लगभग भूल गया, फ़िर एक दिन अचानक उनका संदेश आया और एक फाइल जिसमें उन पंक्तियों की मूल धुन थी, धुन सुन कर मैं हैरान रह गया, इतनी मधुर थी कि बस मन खुश हो गया, उन्होंने मुझ से पूरा गीत भेजने के लिए लिखा था, अब मैं ये नही कह सकता था कि पूरा गीत तो मैंने लिखा ही नही है अब तक, बहरहाल मैंने जल्दी से उस गीत को मुक्कमल किया और उन्हें भेजा, जिस पर संगीतकार निखिल ने बेहद खूबसूरत धुन बनाई, चार्ल्स ने और मिथिला ने अपनी आवाजें दी, दो दिन तक लगातार १० -१० घंटे काम कर निखिल और उसकी टीम ने इस गीत को तैयार किया.

और इस तरह बना युग्म के दूसरे संगीत सत्र का यह पहला गीत। सुन कर देखें आप भी और बताएं कैसा है....
कृपया इस लिंक पर आयें http://podcast.hindyugm.com/2008/07/blog-post_04.html
उम्मीद करता हूँ कि केरल के इस नए संगीतकार निखिल वर्गीस राजन का संगीत और चार्ल्स फिन्नी और मिथिला कानूनगो की आवाजें आपको पसंद आएँगी.

( संगीत दिलों का उत्सव है .... पूरी टीम )
2 टिप्पणियां:
अच्छा तो ये थी कहानी। लगे रहो मियाँ लगे रहो
बहुत खूब। प्यारा गीत है, बधाई।
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