ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
संवेदना की आख़िरी परत तक
जिसकी पहुँच हो
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसकी निर्मल चेतना
घेरे मन और मगज हो
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसकी मीठी वेदना
अंतर्मन की समझ हो
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसके पार तुम्हें देखना
मेरे लिए सहज हो
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसकी अनुभूती के लिए
उम्र भी एक महज हो
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसमें सूर्य सी उष्मा हो
जिसमें चांद सी शीतलता
जिसमें ध्यान की आभा हो
जिसमें प्रेम की कोमलता
जिसमें लोच हो डाली सी
जिसमें रेत हो खाली सी
जिसमें धूप हो धुंधली सी
जिसमें छाँव हो उजली सी
जो तन मन को दे उमंग नयी
जो यौवन को दे तरंग नयी
जो उत्सव बना दे जीवन को
जो करूणा से भर दे इस मन को
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
14 टिप्पणियां:
बहुत ही मर्म स्पर्शी कविता
"ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसकी अनुभूती के लिए
उम्र भी एक महज हो"
बहुत दिल को छुआ
बहुत सुंदर।
सजीव, इतवार का दिन मेरे लिये ईशारधना का विशेष दिन होता है. देवयोग से तुम्हारी यह कविता उसी ओर पाठक को (कम से कम मुझे) ले जाती है.
तुम ने लिखा:
"ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसमें सूर्य सी उष्मा हो
जिसमें चांद सी शीतलता
जिसमें ध्यान की आभा हो"
मेरी प्रार्थना है कि हे प्रभु, सचमुच मेरे जीवन में ऐसा हो जाय.
यदि नही हुआ तो शायद ध्यानमनन में और अधिक समय देना होगा. सही तो कहा है तुम ने कि "जिसमें ध्यान की आभा हो"
-- शास्त्री
हे प्रभु, मुझे अपने दिव्य ज्ञान से भर दीजिये
जिससे मेरा हल कदम दूसरों के लिये अनुग्रह का कारण हो,
हर शब्द दुखी को सांत्वना एवं रचनाकर्मी को प्रेरणा दे,
हर पल मुझे यह लगे की मैं आपके और अधिक निकट
होता जा रहा हूं.
बहुत बढिया रचना है।
ऐसा स्पर्श दे दो मुझे
जिसकी निर्मल चेतना
घेरे मन और मगज हो
स्पर्श किसका क्या किस को देता हे
जानने के लिये उम्र एक काफ़ी नही
फिर भी शब्दो ने तुम्हारे किया हे स्पर्श सबको
hintamanIबहुत सुन्दर कविता ।
घुघूती बासूती
बहुत ही कोमल कविता.. भावों से भरी,,,
दिल को छू लिया आपने इस रचना के माध्यम से। ऐसे ही लिखते रहिये।
वाह, मर्मस्पर्शी.
बहुत बहुत धन्येवाद सब साथियों का, घघुती बसुती जी की टिपण्णी पाकर बहुत अच्छा लगा, कैसी हैं आप, रचना जी अपने दो शब्दों से कुछ अधिक लिखा यानि उन्हें कविता सचमुच पसंद आयी, बेजी ,समीर जी, बाली जी, मान्य जी और यातिश जी प्रोत्साहन के लिए धन्येवाद दर्द हिन्दुस्तानी, नही समझ पाया आपको, और शास्त्री जी आपको कविता अच्छी लगी इससे बड़ी अच्छी बात और क्या होगी, आपका प्रोत्साहन हमेशा ही मेरा utsaah badhata है धन्येवाद एक बार फ़िर
बहुत सुंदर !
sach mein dil ko chu gayi.. bahut hi sundar :)
Thanks for posting, very nice, have a good day
सजीव जी,
कोमल मनोभावों से सजी एक सुन्दर रचना है
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