एक चीख उठी तो होगी,
उन पत्थरों से टकरा कर,
तुमने नहीं सुनी...क्यों ????
भाई...बाहर ट्रेफिक का शोर बहुत था,
शादियों के बैंड बाजे कान फोडू थे,
उधर टी वी पर ब्रेकिंग न्यूज़ में,
कल रात शहर में हुए डबल मर्डर पर,
तीखी बहस चल रही थी,
बच्चे आई पी एल के चौके छक्कों में मस्त थे,
और फिर लाईफ के झमेले तो आप जानते ही हैं,
दफ्तर की टेंशन, घर की टेंशन,
फुर्सत ही कहाँ है ?
परसों तो भूकंप भी आया था दिल्ली में,
वो तक पता नहीं चला,
फिर ये तो एक बच्ची की चीख भर थी,
भला क्या सुनाई देती कहो....
हाँ कल रात सपने में जरूर देखी थी मैंने,
खून से सनी एक हेयर आयल की बोतल,
पता नहीं क्यों, उसे देखने के बाद,
बैचैन हो गया था मैं बहुत,
सो भी नहीं पाया था ठीक से,
बगल में सोयी मेरी नन्हीं सी जान,
सुकूँ से सोती रही मगर....
सच कहूँ भाई....जीवन में पहली बार,
डर लग रहा है बहुत....
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