चुपके से रात हो गयी, दिन के उजालों में,
वो चाँद बन के आ गए, मेरे ख्यालों में,
फुर्सत न मिली फिर, तुझे देखने के बाद,
उलझा मैं कुछ इस तरफ, दिल के बवालों में,
वो दिन तो मैं रात, वो अम्बर तो मैं जमीं,
शामिल है अपना मिलन, दुनिया के कमालों में,
इतना ही फ़कत है मेरे, उम्र का कारोबार,
आधी जवाबों में कटी, आधी सवालों में..
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